निर्भया को बचाने के लिए जान पर खेल गया था दोस्त, पिता ने बताया वारदात की रात का सच

निर्भया को इंसाफ दिलाने में गोरखपुर के अवनींद्र की भूमिका अहम रही है। बस में जिस समय निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी, उस वक्त गोरखपुर के अवनींद्र उसके साथ थे। अवनींद्र ने दरिंदों से लोहा भी लिया, लेकिन निर्भया को बचा नहीं सके। मामले में वे ही चश्मदीद गवाह भी बने। निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट जारी होने के बाद अवनींद्र के पिता ने बताया, वारदात की रात का सच।


अवनींद्र के पिता भानू प्रकाश के मुताबिक 16 दिसंबर 2012 की रात आज भी नहीं भूलती है। बेटे के घायल होने की सूचना पर कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर किया क्या जाए? जैसे-तैसे दिल्ली पहुंचे और घटना ने अंदर तक झकझोर दिया था। निर्भया के गुनाहगारों के खिलाफ लड़ने वाले अवनींद्र घटना के बाद इतने टूट गए थे कि बेटे को संभालने में बहुत समय लग गया। अवसाद में गए बेटे को किसी तरह से संभाला गया और फिर उसकी जिंदगी पटरी पर आ सकी।


अवनींद्र विदेश में हैं, लेकिन दोषियों का डेथ वारंट जारी होने की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपने अधिवक्ता पिता भानू प्रकाश पांडेय से बात की। अब दोषियों को सजा होने के बाद अवनींद्र ने कहा, आज वास्तव में उनकी दोस्त को इंसाफ मिला है। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले मुकेश, पवन, अक्षय और विनय को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट भी जारी कर दिया है। इसकी जानकारी होते ही अवनींद्र की आंखों में आंसू आ गए।


अवनींद्र ने बातचीत में कहा कि आज भी वह घटना नहीं भूलती है। किस तरह से मेरे सामने ही दरिंदों ने यह सब किया उससे खुद को उबार ही नहीं पा रहा था। दोस्त के जाने का जख्म तो कभी नहीं भर सकता लेकिन इस बात से थोड़ी राहत जरूर है कि उन दरिंदों को उनके किए की सजा मिल जाएगी। उन्हें संभालने में परिवार को चार साल लग गए।


गौरतलब है कि दिल्ली के मुनीरका में 16 दिसंबर 2012 की रात सड़क दौड़ रही बस में एक जिंदगी चीख रही थी.. वो हैवानों से गुहार लगा रही थी अपनी जान बख्शने के लिए, लेकिन 6 दरिंदों को तरस नहीं आया। उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे सुनकर पूरी दुनिया रो पड़ी। उस लड़की के साथ दरिंदों ने न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसके जिस्म के साथ वो खिलवाड़ किया, जिसे सुनकर देश भर के लोग सिहर उठे।दरिंदों ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे निर्वस्त्र हालत में चलती बस से नीचे फेंक दिया। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। दरिंदों ने उसके साथ भी मारपीट की और उसे भी बस से फेंक दिया था। इसके बाद पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने जब निर्भया (बदला नाम) की हालत देखी तो वो भी रो पड़े। उनका कहना था कि आज तक उन्होंने हैवानियत की इस तरह की तस्वीर कभी नहीं देखी। निर्भया की हालत देखकर उनकी रूह भी कांप उठी।