निर्भया के दोषियों के नाम से मंगलवार को पटियासा हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया। वारंट में 22 जनवरी को सुबह सात बजे चारों की फांसी निर्धारित की गई है। डेथ वारंट जारी होते ही जहां निर्भया के परिजनों, दोस्तों और वकील के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं दूसरी ओर दोषियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें मौत के खौफ में बदल गईं।
मंगलवार दोपहर 3:54 बजे जैसे ही अदालत की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, दोषी मुकेश की मां रोते हुए पहुंची और आंखें भरकर बेटे के लिए दया की गुहार लगाने लगी। मुकेश की मां कोर्ट रूम में निर्भया की मां के पास गईं और उनकी साड़ी के कोने को पकड़ कर बिल्कुल भीख मांगने के अंदाज में बोलने लगीं कि मेरे बेटे को माफ कर दो, मैं उसकी जिंदगी की भीख मांगती हूं...।
इसपर निर्भया की मां की आंखों में भी आंसू आ गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि "वो मेरी भी बेटी थी... उसके साथ जो हैवानियत हुई, मैं कैसे भूल जाऊं...? मैं इंसाफ के लिए सात साल से इंतज़ार कर रही हूं।" इनसब के बीच कोर्ट के शोर से नाराज होकर जज ने शांति बनाए रखने का आदेश दिया।
दोषियों को 04:07 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। जज ने 4:33 बजे मीडिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से बाहर किया, जिसके बाद डेथ वारंट जारी कर दिया गया। वहीं मुकेश और विनय के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे।
निर्भया के पिता ने कहा कि मेरे लिए यह त्योहार सा दिन है। दिल करता है सबके साथ खुशियां बांदूं। 16 दिसंबर 2012 से अबतक हम हर दिन तिल-तिलकर मरे हैं। बेटी के आखिरी लफ्ज हर रोज कानों में गूंजते थे। वहीं निर्भया की मां ने कहा कि सात साल के बाद आखिर बेटी को इंसाफ मिल गया। अब मौत भी आ जाए तो गम नहीं। हम बेटी को बता सकेंगे कि उसके गुनहगारों को सजा मिल गई है।